Richa Goswami

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वार्षिक प्रतियोगिता -12-Feb-2022 विश्वास

विश्वास


सीधा साधा दिल
लाख रोकने पर भी नहीं माना
भाग चला तेरे पीछे
पागल दीवाने की तरह
एक तेरे पे विश्वास करके
अपना सब कुछ तुझ पर कुर्बान कर दिया
दिल क्या जान भी तेरे नाम कर दिया
मेरे विश्वास को यूं टूटने मत देना
प्यार ना सही अश्क बनकर मेरी पलकों पे रहना
 जिसके लिए मैने सब छोड़ा
वो ही मुझे मझधार में छोड़ गया
जिसके लिए टूटते तारे को देख कर आंख बंद करी थी
वहीं आज मुझे देख कर नज़रे फेर गया
मेरी आवाज उसके कानों में ना पहुंची
और प्यार के झूठे कसमें वादे 
में अपनी दुनिया लूटा दी
अब टूटे उस दिल के टुकड़े
मैने हिफाज़त से समेटे
किसी दूसरे ने पुकारा
इस बार दिल मेरा बोला
विश्वास रख मुझ पर टूटने नहीं दूंगा , बिखरने नहीं दूंगा
उफ्फ! अब नहीं आऊंगा तुम्हारे बहकावे में
टूट के बिखरना और फिर जुड़ना आसान नहीं




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2 Comments

Swati chourasia

12-Feb-2022 05:00 PM

Very nice

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Punam verma

12-Feb-2022 09:00 AM

Nice

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